Ganesh Chaturthi 2024 Aarti Lyrics: Must-Know Prayers and Songs

गणेश चतुर्थी 2024 आरती गीत: अवश्य जानें प्रार्थनाएँ और गीत

  • 06 September, 2024
  • Divine Shopy

गणेश चतुर्थी भारत में एक विशेष त्यौहार है जब लोग भगवान गणेश , बुद्धि, सौभाग्य और नई शुरुआत के देवता का जश्न मनाने और उनका सम्मान करने के लिए एक साथ आते हैं। इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आरती है, जो भगवान गणेश के प्रति प्रेम और भक्ति दिखाने के लिए गाया जाने वाला एक प्रार्थना गीत है। आरती हमारे जीवन में प्रकाश लाने, आशीर्वाद मांगने और बाधाओं को दूर करने में मदद करती है।

इस लेख में, हम गणेश चतुर्थी के लिए कुछ ज़रूरी आरती के बोल और गीतों पर नज़र डालेंगे। चाहे आप पहली बार मना रहे हों या अपने बच्चों को ये प्रार्थनाएँ सिखा रहे हों, आपको इस त्यौहार को ख़ास बनाने के लिए हर ज़रूरी चीज़ मिल जाएगी।

आरती क्या है?

आरती एक पवित्र प्रार्थना है जो देवता के सामने एक जलता हुआ दीपक लहराकर की जाती है, इस मामले में, भगवान गणेश । यह भक्ति दिखाने और हमारे जीवन में शांति और सकारात्मकता को आमंत्रित करने का एक तरीका है। गणेश चतुर्थी के दौरान, आरती करना भगवान गणेश से जुड़ने और उनके मार्गदर्शन और सुरक्षा के लिए पूछने का एक तरीका है।

गणेश चतुर्थी पर आरती क्यों महत्वपूर्ण है?

आरती भगवान गणेश का सम्मान करने और अपना प्यार दिखाने का एक खास तरीका है। ऐसा माना जाता है कि जब हम आरती गाते हैं, तो हम भगवान गणेश से अपने जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने के लिए कहते हैं। उनसे प्रार्थना करके, हम जो कुछ भी करते हैं उसमें सौभाग्य, ज्ञान और सफलता को आमंत्रित करते हैं। आरती आमतौर पर गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम को की जाती है, और यह पूजा में परिवारों को एक साथ लाती है।

गणेश चतुर्थी के लिए अवश्य जानें आरती के बोल

गणेश चतुर्थी के लिए कुछ सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण आरती गीत यहां दिए गए हैं। ये प्रार्थनाएँ लाखों लोगों द्वारा गाई जाती हैं और इन्हें सीखना आसान है।

1. सुखकर्ता दुखहर्ता आरती

यह भगवान गणेश की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। इसमें भगवान गणेश से खुशियाँ लाने और सभी दुखों को दूर करने की प्रार्थना की जाती है।

सुखकर्ता दुःखहर्ता वर्त विघ्नचि
नूरवी, पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उति शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ताफ्लांचि
जय देव,जय देव
(जय देव, जय देव, जय मंगलमूर्ति, हो श्रीमंगलमूर्ति)
(दर्शनमात्रे मन कामनापूर्ति)
जय देव,जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमारा
चंदनचि उति कुमकुम केशरा
हीरे जदित मुकुट शोभातो बारा
रुन्झुनाति नूपुरे चारणि घाघरिया
जय देव,जय देव
(जय देव, जय देव, जय मंगलमूर्ति, हो श्रीमंगलमूर्ति)
(दर्शनमात्रे मन कामनापूर्ति)
जय देव,जय देव
लम्बोदर, पीताम्बर फणीवर वन्दना
सरल सोन्द वक्रतुंड त्रिनयन
दास रामाचा वत पाहे सदना
संकटी पाववे, निर्वाणी रक्षावे सुरवर वन्दना
जय देव,जय देव
(जय देव, जय देव, जय मंगलमूर्ति, हो श्रीमंगलमूर्ति)
(दर्शनमात्रे मन कामनापूर्ति)
जय देव,जय देव

सुखकर्ता दुखार्ता, वार्ता विघनांची|
नूरवी; पूर्वी प्रेम, कृपा जयाची |
सारंगी सुंदर, उति शेंदुराची|
कंठी झटके माळ, मुक्ताफाळांची॥1॥

जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ति|
दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति ॥धृ॥

रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमारा|
चंदनाची उटी, कुमकुम केशरा|
हिरेज़डिट क्राउन, शोभतो बारा |
रूण्झुण्ति नूपुरे, चरणी घाघरिया|
जय जय देव जय मंगलमूर्ति ॥2॥

लंबोदर पीतांबर, फणीबंधन |
सरळ सोंड, स्वरतुंड त्रिनयना|
दास रामाचा, वाट पाहे भगवान|
संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना|
जय जय देव, जय मंगलमूर्ति|
दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति ॥3॥

इस आरती का अर्थ सरल है: भगवान गणेश हमारे जीवन से खुशियाँ लाते हैं और दुख दूर करते हैं। वे दयालु हैं और सभी को प्रेम और शांति का आशीर्वाद देते हैं।

2. जय गणेश देवा

एक अन्य लोकप्रिय श्री गणेश आरती गीत, जिसमें भगवान गणेश की स्तुति ऐसे देवता के रूप में की गई है जो कठिनाइयों को दूर करते हैं और सफलता लाते हैं।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेव।

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूस की सवारी।

पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लागे, संत करें सेवा।

अंधन को आंख देत, कोधिन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

सूर श्याम शरण आये, सफल कीजे सेवा।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेव।

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दन्त दयावन्त, चार भुजधारी।
स्मारक पर तिलक सोहे, मूस की सवारी॥

पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लागे, संत करे सेवा॥

अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

सूर श्याम शरण आये, सफल कीजे सेवा।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा॥

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

यह गीत हमें भगवान गणेश , उनके एक दांत और कैसे वे चूहे की सवारी करते हैं, के बारे में बताता है। यह हमें उनकी महान शक्ति और अपने भक्तों के प्रति उनके प्रेम की याद दिलाता है।

3. वक्रतुंड महाकाय (गणपति स्तोत्र)

यह शक्तिशाली मंत्र अक्सर गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणेश से उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है।

वक्र-तुन्नदा महा-काया सूर्य-कोटि समप्रभा |
निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्वकार्यसु सर्वदा ||

वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।

इस प्रार्थना में भगवान गणेश से बाधाओं को दूर करने और हमारे सभी कार्यों में सफलता पाने में मदद करने की प्रार्थना की जाती है।

गणेश आरती कैसे करें?

गणेश चतुर्थी के दौरान आरती करना सरल और सार्थक है। आप इसे इस तरह कर सकते हैं:

  1. भगवान गणेश की मूर्ति को साफ़ मेज या मंच पर रखें
  2. एक छोटा सा तेल का दीपक और कुछ अगरबत्ती जलाएं।
  3. भगवान गणेश को फूल , फल और मिठाई (जैसे मोदक और लड्डू) चढ़ाएं।
  4. मूर्ति के सामने दीपक को गोलाकार में घुमाते हुए आरती गाएं।
  5. आरती के अंत में भगवान गणेश को प्रणाम करें, उनके चरण स्पर्श करें और सभी को प्रसाद (पवित्र भोजन) प्रदान करें।

संस्कृति में गणेश आरती का महत्व

भारत में आरती करना एक पुरानी परंपरा है। यह परिवारों को एक साथ लाता है और घरों को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, सुबह और शाम को आरती करना हमें भगवान गणेश से जोड़ता है, उनसे हमारे घरों में शांति, खुशी और सफलता का आशीर्वाद मांगता है।

बच्चों को आरती गाने में मज़ा आता है और इससे उन्हें भगवान गणेश और उनकी सांस्कृतिक जड़ों के बारे में जानने में मदद मिलती है। यह एक ऐसा समय है जब परिवार प्रार्थना करने, गाने और जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

गणेश चतुर्थी के दौरान, जब हम आरती गाते हैं और प्रार्थना करते हैं, तो हम किसी बड़ी चीज़ से जुड़े होने का एहसास करते हैं। भगवान गणेश के प्रति हमारा प्यार और भक्ति हमारे घरों में शांति और खुशी लाती है। चाहे जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो, जब हम कहते हैं, " गणपति बप्पा मोरया! " - हम जानते हैं कि भगवान गणेश हम पर नज़र रख रहे हैं और हमें खुशी और सफलता की ओर ले जा रहे हैं।

भगवान गणेश आपको और आपके परिवार को इस गणेश चतुर्थी पर बुद्धि, साहस और शांति का आशीर्वाद दें!

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