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जय अम्बे गौरी आरती हिंदी और अंग्रेजी में संपूर्ण गीत के साथ

द्वारा Divine Shopy 24 Sep 2024
Colorful painting of Maa Durga with a serene expression, promoting Jai Ambe Gauri Aarti with complete lyrics in Hindi and English on Divine Shopy website.

जय अम्बे गौरी आरती माँ दुर्गा की स्तुति में गाई जाने वाली सबसे प्रिय आरतियों में से एक है, जिसे अक्सर नवरात्रि , दैनिक प्रार्थना और अन्य हिंदू अनुष्ठानों के दौरान गाया जाता है। यह भक्ति भजन माँ गौरी (दुर्गा का एक रूप) की दिव्य शक्ति का आह्वान करता है, उनकी सुंदरता, कृपा और उनके भक्तों को उनके द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा को उजागर करता है। कई लोगों के लिए, इस आरती को गाने से शांति, शक्ति और भक्ति की भावना आती है।

भारतीय संस्कृति में आरती का महत्व

कई भारतीय घरों में, यह आरती दैनिक पूजा (या पूजा ) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नवरात्रि के दौरान, दिव्य स्त्रीत्व का उत्सव मनाने वाले त्यौहार में, इसे बड़ी भक्ति के साथ गाया जाता है। सरल धुन और शक्तिशाली शब्द बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए इसमें भाग लेना आसान बनाते हैं।

आइये हिंदी में इन खूबसूरत गीतों और उनके अंग्रेजी अनुवाद को देखें।


जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिन्दूर विराजत,
टिको मृगमद को ।
रौशनी से दोउ नैना,
चन्द्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥


कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गले में खराश,
कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन रजत,
खड्ग खप्पर धारी।
सूर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुःखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुंडल शोभित,
नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योति ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥


शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर हत्या.
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाति॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोऊ मारे,
सुर भयहिं करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्राह्मणी, रुद्राणी,
तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी,
शिव तुम पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥


चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भारत,
भक्तों का दुःख हरता।
सुख संपति ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी। [खड्ग खप्पर धारी]
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थल विराजत,
अगर कपूर बाती.
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रत्नज्योति॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अम्बेजी की आरती,
जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद, स्वामी
सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी।


जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी आरती, हिंदी (अंग्रेजी गीत) -


जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशादिनं ध्यावत, हरि ब्रम्हा शिवरि।
ओम जय अम्बे गौरी

मांग सिन्दूर विराजत, टिको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको।
ओम जय अम्बे गौरी


कनक समन कलेवर, रक्ताम्बर राजे,
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर सजे।
ओम जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन रजत, खड़ग खप्पर धारी,
सूर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।
ओम जय अम्बे गौरी

कानन कुंडल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चन्द्र दिवाकर, रजत सम ज्योति।
ओम जय अम्बे गौरी

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाटी,
धूम्र विलोचन नैना, निषादिन मदमती।
ओम जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,
मधु-कैटभ दोउ मरे, सुर भयहिं करे।
ओम जय अम्बे गौरी

ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी,
अगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।
ओम जय अम्बे गौरी

चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू,
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।
ओम जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भारत,
भक्तन की दुःख हर्ता, सुख संपति कर्ता।
ओम जय अम्बे गौरी

भुज चार अति शोभि, वरमुद्रा धारी,
मनवंचित फल पावत, सेवत नर नारी।
ओम जय अम्बे गौरी


कंचन थल विराजत, अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।
ओम जय अम्बे गौरी

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावे।
ओम जय अम्बे गौरी


यह आरती क्यों महत्वपूर्ण है?

जय अम्बे गौरी आरती का जाप भक्तों द्वारा माँ दुर्गा से सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। देवी को उनकी शक्ति और अपने अनुयायियों के जीवन से बाधाओं को दूर करने की क्षमता के लिए सम्मानित किया जाता है। उन्हें ब्रह्मांड की माँ माना जाता है, जो शांति और समृद्धि दोनों लाती हैं। समृद्धि। कई लोग सुबह और शाम को यह आरती गाते हैं, अक्सर दीये जलाते हैं और मंत्रोच्चार करते हुए फूल चढ़ाते हैं।

भारतीय घरों में, नवरात्रि और दैनिक पूजा के दौरान परिवार इस आरती को गाने के लिए एक साथ आते हैं। इसके बोल सरल लेकिन शक्तिशाली हैं, जिससे बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं। भारत के ग्रामीण इलाकों में, जहाँ आमतौर पर अंग्रेजी नहीं बोली जाती है, इस आरती का हिंदी संस्करण समुदायों को ईश्वर से जोड़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। आसानी से समझ में आने वाली भाषा और मधुर धुन इसे त्योहारों के दौरान पसंदीदा बनाती है।

आरती कैसे करें:

  1. पूजा की थाली तैयार करें : आप इसमें एक छोटा दीया , धूपबत्ती ( अगरबत्ती ), फूल और प्रसाद जैसी छोटी-छोटी चीजें शामिल कर सकते हैं।

  2. दीया जलाना : दीया जलाएं और इसे देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें।

  3. मंत्रोच्चार : भक्ति भाव से आरती गाएँ। गाते समय, देवी के सामने दीये को घड़ी की दिशा में गोलाकार घुमाएँ।

  4. प्रार्थना करें : गायन के बाद, देवता को फूल और प्रसाद चढ़ाएं।

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